Navodaya Waiting List में बदलाव – अपना नाम फिर से ज़रूर देखें
शुरुआत – ये खबर हर अभिभावक और छात्र को जाननी चाहिए
अगर आपने अपने बच्चे का नाम नवोदय विद्यालय में दाख़िले के लिए भरवाया था, और उसका नाम वेटिंग लिस्ट में आया था या नहीं आया था – तो अब समय आ गया है कि आप एक बार फिर से उस लिस्ट को ज़रूर चेक करें।
क्योंकि नवोदय विद्यालय समिति (NVS) ने हाल ही में वेटिंग लिस्ट 2025 में कुछ बड़े बदलाव किए हैं। कई छात्रों के नाम हटाए गए हैं, कई नए नाम जोड़े गए हैं, और कई ज़िलों में पूरी की पूरी लिस्ट अपडेट हो गई है। ऐसे में अगर आपने पहले एक बार लिस्ट देख ली थी और संतोष कर लिया था – तो अब दोबारा देखना ज़रूरी है।
यह लेख आपकी पूरी मदद करेगा ये समझने में कि:
- ये बदलाव क्यों हुए,
- किन छात्रों पर इसका असर पड़ा,
- क्या आपका नाम हट गया या जुड़ गया,
- और अब आपको क्या करना चाहिए।
चलिए बात शुरू करते हैं बिल्कुल सादगी से।

बदलाव क्यों किए गए वेटिंग लिस्ट में?
हर साल की तरह इस बार भी नवोदय विद्यालय समिति ने पहले मुख्य सूची निकाली, फिर वेटिंग लिस्ट। वेटिंग लिस्ट का मतलब होता है – जिन बच्चों को फिलहाल जगह नहीं मिल पाई, लेकिन अगर सीट खाली रहती है तो उन्हीं में से किसी को मौका मिल सकता है।
लेकिन इस बार वेटिंग लिस्ट में कुछ गड़बड़ियाँ सामने आईं। उदाहरण के लिए:
- किसी-किसी छात्र का नाम दो बार आ गया,
- कुछ के दस्तावेज़ पूरे नहीं थे,
- बहुत सारे छात्र समय पर रिपोर्ट नहीं कर पाए,
- कुछ मामलों में गलत जानकारी देकर आवेदन किया गया था।
इन सभी वजहों से नवोदय समिति को वेटिंग लिस्ट में बदलाव करने पड़े। ताकि जो छात्र सच में पात्र हैं, उन्हें ही दाख़िला मिले और कोई भी सीट खाली न रह जाए।
कौन-कौन से राज्य और ज़िले प्रभावित हुए?
हर ज़िले में बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन कई राज्यों में बड़े स्तर पर नाम बदले गए हैं। खासकर निम्नलिखित राज्यों के कुछ ज़िलों की लिस्ट बदली गई है:
- मध्य प्रदेश
- उत्तर प्रदेश
- बिहार
- राजस्थान
- झारखंड
- छत्तीसगढ़
इन राज्यों के कई ज़िलों में छात्रों के नाम हटाए या जोड़े गए हैं। इसलिए अगर आप इन राज्यों से हैं, तो वेटिंग लिस्ट को दोबारा ज़रूर देखें। हो सकता है कि पहले नाम नहीं था लेकिन अब जुड़ गया हो। और अगर पहले था, तो कहीं गलती से हट तो नहीं गया?
क्या आपको चिंता करनी चाहिए?
अगर आपका बच्चा पहले वेटिंग लिस्ट में था, तो इस बदलाव के बाद आपको दोबारा लिस्ट देखनी चाहिए। और अगर नाम हट गया है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है।
नवोदय विद्यालय समिति हर चीज़ को पारदर्शिता और नियमों के अनुसार करती है। अगर नाम हटाया गया है, तो उसके पीछे ज़रूर कोई कारण होगा – जैसे दस्तावेज़ों की कमी, समय पर रिपोर्ट न करना या पात्रता न होना।
लेकिन अगर आप मानते हैं कि सबकुछ सही था, फिर भी नाम हटाया गया है – तो आप कार्रवाई भी कर सकते हैं (आगे हम बताएं कि कैसे)।
कैसे जांचें कि आपका नाम लिस्ट में है या नहीं?
अब बात करते हैं सबसे अहम हिस्से की – नाम जांचने की प्रक्रिया।
- सबसे पहले, अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर इंटरनेट चलाएं।
- फिर नवोदय विद्यालय समिति की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं – यानी उस वेबसाइट पर जहां से आपने पहले लिस्ट डाउनलोड की थी। अपने राज्य और ज़िले के अनुसार लिंक चुनें।
- जब नई वेटिंग लिस्ट का विकल्प दिखाई दे, तो उसे डाउनलोड करें।
- लिस्ट खुलने के बाद उसमें अपने बच्चे का रोल नंबर या नाम खोजें।
- अगर नाम मिल जाता है, तो बहुत अच्छी बात है। अब आगे की प्रक्रिया की तैयारी करें।
- अगर नाम नहीं मिलता, तो चिंता न करें – नीचे हम बताएंगे कि आपको क्या करना चाहिए।
अगर नाम हट गया हो तो क्या करें?
ऐसे कई अभिभावक होंगे जिनके मन में यह सवाल होगा – “हमने सारे दस्तावेज़ सही जमा किए थे, फिर भी नाम क्यों हट गया?”
इस स्थिति में आपके पास कुछ विकल्प होते हैं:
पहला – अपने जिले के नवोदय विद्यालय में संपर्क करें
वहाँ जाकर पूछें कि नाम क्यों हटाया गया। हो सकता है सिर्फ दस्तावेज़ की एक कॉपी गायब हो, जिसे आप फिर से दे सकें।
दूसरा – समिति को लिखित में शिकायत करें
आप एक एप्लिकेशन लिखकर नवोदय समिति को भेज सकते हैं, जिसमें आप पूरी स्थिति स्पष्ट करें और पुनः जांच की मांग करें।
तीसरा – RTI यानी सूचना के अधिकार के तहत आवेदन करें
अगर आपको लगता है कि जानबूझकर आपका नाम हटाया गया है या कोई गड़बड़ी हुई है, तो आप RTI फाइल कर सकते हैं। इससे आपको पूरी जानकारी मिलेगी कि नाम क्यों हटाया गया।
अगर अब नाम जुड़ गया हो तो क्या करें?
ऐसा भी हो सकता है कि पहले आपका नाम लिस्ट में नहीं था, लेकिन अब बदलाव के बाद आ गया है। अगर ऐसा है, तो आपको एक पल भी गंवाना नहीं चाहिए।
आपको तुरंत:
- अपने सभी मूल दस्तावेज़ इकट्ठा करने चाहिए,
- स्कूल में जाकर रिपोर्ट करना चाहिए,
- और समय पर दाख़िला की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए।
ध्यान रखें – अगर आपने समय पर रिपोर्ट नहीं किया, तो ये सीट किसी और को दे दी जाएगी।
एक सच्ची घटना – जिससे सीखना चाहिए
आशा नाम की बच्ची, जो बिहार के सीतामढ़ी जिले से है, का नाम पहले वेटिंग लिस्ट में नहीं था। परिवार बहुत निराश हुआ। लेकिन जब जून महीने के अंत में नई वेटिंग लिस्ट आई, तो उसका नाम उसमें था। घर में खुशियाँ लौट आईं।
लेकिन जब तक वे स्कूल पहुँचे, तब तक रिपोर्टिंग की अंतिम तारीख निकल चुकी थी। स्कूल ने कहा – “आप बहुत देर से आए हैं, अब ये सीट अगले छात्र को दी जाएगी।”
इससे हमें यही सीख मिलती है – सिर्फ नाम देखना ही नहीं, समय पर कार्रवाई करना भी उतना ही ज़रूरी है।
आपके लिए कुछ ज़रूरी सलाह
- अगर आपने आवेदन किया था, तो वेटिंग लिस्ट को हर हफ्ते ज़रूर देखें।
- अगर नाम जुड़ गया है, तो डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए तैयार रहें।
- हर जानकारी खुद से जांचें, दूसरों के भरोसे न रहें।
- यदि आपके आसपास कोई ऐसा परिवार है जो तकनीकी रूप से सक्षम नहीं है, तो उनकी मदद करें।
आखिरी बात – ये मौका बार-बार नहीं मिलता
नवोदय विद्यालय सिर्फ एक स्कूल नहीं है – ये एक ऐसा संस्थान है जो बच्चों को गांव से निकालकर देश की मुख्यधारा में लाता है। यहाँ से पढ़कर न जाने कितने छात्र डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर और अफसर बन चुके हैं।
अगर आपका बच्चा वेटिंग लिस्ट में आ चुका है, तो ये उसके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि हो सकती है।
इसीलिए, अगर लिस्ट में बदलाव हुआ है, तो एक बार फिर ज़रूर देखिए। कभी-कभी छोटे से कदम से बड़ा बदलाव आता है।
सारांश में क्या समझा?
- नवोदय की वेटिंग लिस्ट 2025 में बदलाव किए गए हैं
- कई जिलों की सूची बिलकुल नई है
- पहले नाम था, अब हट सकता है
- पहले नाम नहीं था, अब जुड़ सकता है
- नाम ज़रूर दोबारा जांचें
- अगर नाम है, तो रिपोर्टिंग में देरी न करें
- नाम नहीं है, तो संपर्क करें, पूछें, RTI करें
आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए ज़रूरी है
अगर आपको ये लेख उपयोगी लगा हो, तो अपने जानने वालों के साथ ज़रूर साझा करें। हो सकता है कोई बच्चा आज भी इस नई लिस्ट की जानकारी से अंजान हो – और उसका भविष्य सिर्फ एक चूक से बदल जाए।
अगर आप चाहें, तो हम आपके ज़िले की नई वेटिंग लिस्ट की लिंक आपको भेज सकते हैं। हमें बस ये बताइए कि आप किस राज्य और ज़िले से हैं।
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