नवोदय विद्यालय परीक्षा-

नवोदय विद्यालय परीक्षा-

भारत जैसे विशाल देश में प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा क उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है। इसी सोच को साकार करने के लिए भारत सरकार ने 1986 में जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) की स्थापना की। यह विद्यालय ग्रामीण प्रतिभाओं को पहचानकर उन्हें आधुनिक गुणवत्तापूर्ण और निशुल्क शिक्षा प्रदान करने का अनोखा प्रयास है। आप नवोदय विद्यालय देश के सबसे सफल और लोकप्रिय शिक्षा मॉडलों में से एक है भाषाओं, संस्क्रतियों और क्षेत्रों के लोग रहते है इसी चुनौती को अनसर है। जहाँ विभिन्न में बदलने हेतु भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से एक अनोखी पहल की। जिसने लाखों श्रामीण बच्चों के जीवन में नई दिशा प्रदान की है।

नवोदय विद्यालय परीक्षा-
नवोदय विद्यालय परीक्षा-

नवोदय विद्यालय की शुत-

आज हम आपको ये बताएँगे की नवोदय की शुरुआत कैसे हुई

स्थापना का उद्देश्य नवोदय विद्यालय की स्थापना का मूल उद्देश्य क्षेत्रों की छिपी हुई प्रतिभाओं को पहचानना और उन्हें ऐसे अवसर उपलब्ध कराना था, जो सामान्यता केवल वड़े शहरों में उपाय होले थे। सरकार चाहती थी। कि गाओं के प्रतिभाशाली बच्चो भी। ‘आधुनिक भौर गुणवत्ता से भसूर शिक्षा प्राज करें प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो, तकनीकी और वैज्ञानिक क्षेगी में आगे बढ़ें, देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ

इस उद्देश्य से साकार करने के लिए “एक जिला एक नवोदय विद्यालय” की नीति अपनाई गई, हालांकि अब कई जिलो में दो या अधिक नवोदय विद्यालय भी है।

प्रवेश प्रक्रिया – नवोदय विद्यालय में प्रवेश पाना बच्चों का सपना होता है प्रवेश के जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा (JNUST) आयोजित की जाती है। जो देश के सबसे निष्का और पारदर्शी परीक्षाओं में से एकमानी जाती है।

① इसमें भाषा ज्ञान, गणितीय क्षमता और तर्क शक्ति की जाँच की जाती है।

② परीक्षा ग्रामीण पृष्ठभूमि के बच्चो को ध्यान में रखकर बनाई जाती है।

③ मेरिट के आधार पर चयन न होता है।

④ गरीन एवं ग्रामीण परिवारों के बच्ची को प्रपमिकता

दी जाती है। इसी वजय से J NVST को

प्रतिभा का सच्चा चयन कहा जाता है

नवोदय विद्यालय की प्रमुख विशेषताएँ।-

 

बच्चो आज हम नवोदय की विशेषता के बारे में चर्चा करेंगे नवोदय में क्या क्या सुविधा मिलती है किस तरीके से हम तरी बातो को समझ सकते है
① निशुल्क शिक्षा – नवोदय विद्यालयों में कक्षा 6 से 12 तक पढ़ाई लगभग पूर्णीत पूर्णतः निगुत है हॉस्टल भोजन वदी किनारों चिकित्सा सुविधाए
इन सभी का पर्व सरकार उठाती है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए यह वरदान है।
आवासीय विद्यालय – विद्यार्थी को अनुशासन, समय प्रपद्यन खावलंबन, टीम वर्क और नेतृत्व जैसे गुण सभाविक रुप से सीखने को मिलते हैं। धस्य सिस्टम उन्हें परिवार जैसा माहौल देला हो
③ उच्च स्तरीय शिक्षा व्यवस्था नवोदय विद्यालयों में शिक्षा
CBSC पैटर्न पर आधारित होती है।
(1) आधुनिक प्रयोगशालाएँ
(1) स्मार्ट कक्षाएँ
(1) कम्प्यूटर गिता
(१०) अनुभवी शिक्षक
(1) नवाचारी शिक्षण तकनीक
उपलब्ध होते है, जिससे विद्यार्थी का वाँधिक विकास अत्यंत मजबूत होल है।
④ खेल और सांस्क्रतिक गतिविधियाँ नवोदय विद्यालय केवल पढाई ही नहीं, वाली सर्वांगीण विकास पर जोर देता है यहाँ एथलेटिक्स
③ वॉलीबॉल फुटबॉल कवडी वास्केटबॉल
⑥ संगीत नृत्य
चित्रकला
जैसी गतिविधियों दैनदिन जीवन का हिस्सा है कई नवोदय झात्र राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक खेलते हैं। और देश का नाम रोशन करते है।
⑤ राष्ट्रीय एकता कार्यक्रम नवोदय विद्यालयों में सवसे अनूठा कार्यक्रम है प्रवासन कार्यक्रम अर्थात एक राज्य का नवोदय विद्यालय कुछ बच्चों को दूसरे राज्य के नवोदय विद्यालय में भेजता है। इससे छात्रो को नई भाषा,
नई संरकृति, नया वालवरण, राष्ट्रीय एकता

सीखने को मिलता है यह कार्यक्रम भारत की ‘विविधता में एकता’ की अवधारणा को साकार करता है।
नवोदय विद्यालयू में दैनिक जिवन नवोदय विद्यालय का दैनिक जीवन अनुशासन, परिक्राम
और सीख से भरा होता है सुबह को पी.टी. धात्र की शारीरिक क्षमता बढ़ाता है। दिन भर में कज़ार और प्रयोगशाला कार्य उनकी बौध्दिक समता को मजबूत करते हैं। शाम के खेले और रात के स्टडी आवर उन्हें सत्तुलित दिनचपी और लक्ष्य-केन्द्रितता सिया सिखाते हैं। और उन्हे सहयोग नेत्रत्व और जिम्मेदारी स्वय ही विकसित हो जाते ह ( और उन्हें भाईचारा,
नवोदय विद्यालय की उपला व्धयाँ- नवोदय विद्यालयों ने शिप्ला
के क्षेत्र में अनेक रिकॉर्ड कार है।
① बोर्ड परीक्षाओं में लगातार उत्कृष्ट परिणाम
② अनेक छात्र IIT, NEET, NDA, UPSC जैसी परीक्षाओं मे सफल
1
खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में राष्ट्रीय स्तर पर उपलाशियों ④ ग्रामीण भारत में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने में महत्वपूर्ण योगदम
नवोदय विद्यालय आज “गरीव बच्चों का 117 जन्मस्थत भी कहलाता है क्योंकि यहाँ से बड़ी संख्या में विद्यार्थी उच्च भिना में चमकते हैं।
नवोदय विद्यालय का सामासिक महत्व नवोदय विद्यालयों ने लाखो ऐसे बच्चों का भविष्य बद‌ला है।
जिनके पास संसाधन सीमित ये थे विद्यालय सामाजिक समानता बढाते हैं। प्रतिभा को सही मंच देते हैं ग्रामीण बच्चों में आत्मविश्वास जाणारे है। समाप्प में शिक्षा का महत्व बढाते है। नवोदय ने सावित किया कि अवसर मिले तो गाँव का वच्चा भी सबसे आगे १८ सकल है।

नवोदय विद्यालय भारत को शिक्षा व्यवस्था का चमकता हुआ सितारा है। यह केवल एक विषालय नही. वर्तिक एक एसी व्यवस्था है जिसने लाखो विद्यार्थियो का जीवन बदल दिया है। अनुशासित वातावरण, जीवन कौशल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा वालो नवोदय भाज ग्रामीण भारत की आगा प्रेरणा, शक्ति वन चुका ही

नवोदय विद्यालय में कट-ऑफ के आधार पर प्रवेश प्रकिया –

नवोदय में पास होने के लिए हमें काफी अच्छे से पढना आवश्यक है बाकि हम नीचे जो चीज आपको बता रहा है उसे बड़े अच्छे तरीके से देखो
दाखिला के लिए लिखित परीक्षा (Jawahar
Navodaya Vidyalaya Selection test (JNUST) होती है।
सीटे सीमित होती है – हर विद्यालय में लगभग
20-100 सीटे होती है।
JNUST – exam कुल 100 मार्क का होता है।
कोटा (जात-वार, ग्रामीण । शहर, लडका लडकी आधि व आवेद‌कों की संख्या और परीक्षा की कठिनाई के अनुसार कटऑफ तया होती है।
उदाहरण के रूप में 2025 की कट-ऑफ आधिकारिक
रूप से हर जिले । ब्लॉक के अनुसार
कट-ऑफ प्रकाशित होती है। लेकिन कुछ रिपोर्ट्स और अनुमान से इस प्रकार रही है।
जनरल (सामान्य)
लगभग-71-76 अंक
OBC
लगभग – ७१-१० अंक
SC
लगभग – 60-68 अंक
ST
लगभग – 55-60 अंक
कुछ अन्य स्त्रोतों में कहा गया है कि सामान्य (General) के लिए 80-85 अंक तक कट-ऑफ हो सकती है।

नवोदय विद्यालय को पास कैसे करे-

बच्चो हम जवाहर नवोदय विद्यालय को आसानी से पास कर सकते है लेकिन हमें अच्छे तरीके से मेहनत करनी चाहिए हमरे अपने नियम से रोज पढना चाहिए कम से कम हमें रोज 4 से 6 घनते पढना चाहिए जिससे हमारी प्रेक्टिक अच्छी  हो जाए और जब भी हम किसी प्रश्न को देखे तो उसे ठीक से और कम समय में हल कर सके एस ट्रिक्स से हमें काफी ज्यादा फायदा मिलत है

 

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