नवोदय विद्यालय योजना क्या है 

नवोदय विद्यालय योजना क्या है 

नवोदय विद्यालय की शुरुआत से लेकर आज तक की पूरी कहानी

1. नवोदय विद्यालय की स्थापना कैसे हुई

भारत में शिक्षा को समान अवसर देना हमेशा से एक चुनौती रही है। 1980 के दशक में जब देश तेजी से आगे बढ़ रहा था, तब यह महसूस किया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चे शहरों की तरह गुणवत्ता वाली शिक्षा से वंचित हैं। इसी अंतर को समाप्त करने के लिए भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में एक नया विचार प्रस्तुत किया — “हर जिले में एक ऐसा विद्यालय स्थापित किया जाए जहां ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों को निःशुल्क और उच्च स्तरीय शिक्षा मिल सके।”

इसी विचार को साकार रूप देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में एक नई योजना लाई गई — नवोदय विद्यालय योजना (Navodaya Vidyalaya Scheme)। इस योजना का उद्देश्य था कि भारत के हर जिले में कम से कम एक विद्यालय खोला जाए जो पूरी तरह से आवासीय हो और जहाँ प्रतिभाशाली छात्रों को आधुनिक शिक्षा दी जाए।

नवोदय विद्यालय का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर रखा गया — जवाहर नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya Vidyalaya)

नवोदय विद्यालय योजना क्या है 
नवोदय विद्यालय योजना क्या है

2. पहला नवोदय विद्यालय कहां बना

भारत का पहला नवोदय विद्यालय 1985 में नवी (अमृतसर, पंजाब) और झज्जर (हरियाणा) में स्थापित किया गया था। ये दोनों विद्यालय इस योजना के प्रारंभिक प्रयोग (Pilot Project) थे। इन दोनों विद्यालयों की सफलता के बाद सरकार ने इसे पूरे देश में विस्तारित करने का निर्णय लिया।

आज नवोदय विद्यालयों का जाल पूरे भारत में फैल चुका है। लगभग हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में एक-एक नवोदय विद्यालय कार्यरत है।

3. नवोदय विद्यालय समिति (Navodaya Vidyalaya Samiti)

नवोदय विद्यालयों का संचालन Navodaya Vidyalaya Samiti (NVS) नामक स्वायत्त संस्था करती है। यह संस्था भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आती है।

समिति का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है, और इसके आठ क्षेत्रीय कार्यालय देश के अलग-अलग हिस्सों में हैं — भोपाल, पटना, लखनऊ, हैदराबाद, पुणे, जयपुर, शिलांग और चंडीगढ़। ये क्षेत्रीय कार्यालय अपने-अपने राज्यों के विद्यालयों का संचालन, प्रशासन और निरीक्षण करते हैं।

4. नवोदय विद्यालय के उद्देश्य

नवोदय विद्यालय की स्थापना तीन प्रमुख उद्देश्यों के साथ की गई थी —

  1. ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली छात्रों को आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना।
  2. शिक्षा में समान अवसर और सामाजिक एकता को बढ़ावा देना।
  3. राष्ट्रीय एकीकरण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना।

यह विद्यालय केवल शिक्षा ही नहीं देता, बल्कि छात्रों को जिम्मेदार नागरिक, सशक्त नेता और संवेदनशील व्यक्ति बनाना भी इसका उद्देश्य है।

5. नवोदय विद्यालय की प्रमुख विशेषताएं

  1. निःशुल्क शिक्षा: यहां पढ़ाई, हॉस्टल, भोजन, किताबें और वर्दी सब कुछ निःशुल्क होता है।
  2. आवासीय सुविधा: सभी छात्र विद्यालय परिसर में ही रहते हैं, जिससे शिक्षा का माहौल निरंतर बना रहता है।
  3. को-एजुकेशन सिस्टम: यहां लड़के और लड़कियां दोनों एक साथ पढ़ते हैं।
  4. राष्ट्रीय एकता नीति: नवोदय विद्यालयों में एक विशेष नीति है जिसके तहत कक्षा 9 के लगभग 30% छात्रों को दूसरे राज्य के नवोदय विद्यालय में एक वर्ष के लिए भेजा जाता है।
  5. मातृभाषा से अंग्रेजी तक शिक्षा: प्रारंभिक कक्षाओं में शिक्षा क्षेत्रीय भाषा में और उच्च कक्षाओं में अंग्रेजी माध्यम में दी जाती है।

6. भारत में कितने नवोदय विद्यालय हैं

2025 तक भारत में कुल 649 से अधिक जवाहर नवोदय विद्यालय स्थापित हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश विद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं।

हर जिले में एक नवोदय विद्यालय स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था, और लगभग सभी जिलों में यह लक्ष्य पूरा हो चुका है। कुछ विशेष जिलों में दो नवोदय विद्यालय भी कार्यरत हैं, जैसे बड़ी आबादी वाले जिले।

7. नवोदय विद्यालय में प्रवेश कैसे होता है

नवोदय विद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी तरह से प्रवेश परीक्षा (Entrance Test) पर आधारित होती है, जिसे Jawahar Navodaya Vidyalaya Selection Test (JNVST) कहा जाता है।

यह परीक्षा Navodaya Vidyalaya Samiti (NVS) द्वारा आयोजित की जाती है। इसमें कोई इंटरव्यू या अतिरिक्त टेस्ट नहीं होता, केवल एक लिखित परीक्षा के आधार पर चयन किया जाता है।

8. कौन आवेदन कर सकता है

कक्षा 6 के लिए प्रवेश (JNVST Class 6):

  1. केवल वही छात्र आवेदन कर सकते हैं जो जिले के किसी सरकारी या मान्यता प्राप्त विद्यालय में पढ़ रहे हों।
  2. छात्र ने उस जिले में कक्षा 3, 4 और 5 की पढ़ाई की होनी चाहिए।
  3. जन्म तिथि सामान्यतः 1 मई 2013 से 30 अप्रैल 2015 के बीच होनी चाहिए (यह तिथि हर वर्ष थोड़ी बदलती है)।
  4. ग्रामीण क्षेत्र के लिए कम से कम 75% सीटें आरक्षित होती हैं।

कक्षा 9 के लिए प्रवेश (Lateral Entry):

  1. छात्र किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कक्षा 8 में पढ़ रहा होना चाहिए।
  2. आवेदन केवल उसी जिले के लिए किया जा सकता है जहां नवोदय विद्यालय स्थित है।
  3. परीक्षा केवल उपलब्ध रिक्त सीटों के आधार पर होती है।

9. JNVST परीक्षा का पैटर्न

कक्षा 6 की परीक्षा:
यह परीक्षा सामान्यतः 2 घंटे की होती है और इसमें कुल 80 प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा में तीन खंड होते हैं —

  1. मानसिक योग्यता (Mental Ability Test) – 40 प्रश्न
  2. अंकगणित (Arithmetic Test) – 20 प्रश्न
  3. भाषा (Language Test) – 20 प्रश्न

कुल अंक – 100
प्रत्येक प्रश्न 1.25 अंक का होता है।

कक्षा 9 की परीक्षा:
यह परीक्षा तीन घंटे की होती है और इसमें चार विषयों से प्रश्न आते हैं —

  1. अंग्रेजी
  2. हिंदी
  3. गणित
  4. विज्ञान

10. परीक्षा का सिलेबस

कक्षा 6 के सिलेबस के मुख्य भाग:

  • समानता, आकृतियाँ, दिशा, और तर्कशक्ति आधारित प्रश्न (Mental Ability)
  • जोड़, घटाव, गुणा, भाग, भिन्न, प्रतिशत, औसत, समय-गति, क्षेत्रफल आदि (Arithmetic)
  • हिंदी या अंग्रेजी भाषा की समझ, पर्यायवाची, विलोम, व्याकरण और गद्यांश (Language Test)

कक्षा 9 के सिलेबस के मुख्य भाग:

  • गणित: बीजगणित, त्रिभुज, आकृतियाँ, क्षेत्रफल, घनफल, रेखाएँ, कोण आदि।
  • विज्ञान: भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान के मूल सिद्धांत।
  • भाषा: पठन समझ और व्याकरण।

11. परीक्षा का आयोजन

JNVST परीक्षा हर वर्ष एक बार आयोजित की जाती है।
कक्षा 6 की परीक्षा सामान्यतः जनवरी या अप्रैल में होती है, जबकि कक्षा 9 की परीक्षा फरवरी या मार्च में होती है।
परीक्षा का आयोजन देश के सभी जिलों में एक साथ किया जाता है।

12. चयन की प्रक्रिया

चयन पूरी तरह मेरिट पर आधारित होता है।
NVS परीक्षा परिणाम घोषित करता है और चयनित छात्रों की सूची संबंधित जवाहर नवोदय विद्यालय की वेबसाइट पर जारी की जाती है।

चयनित छात्रों को विद्यालय में रिपोर्टिंग, दस्तावेज़ सत्यापन और स्वास्थ्य परीक्षण के बाद प्रवेश दिया जाता है।

13. नवोदय विद्यालय में पढ़ाई का माध्यम और विषय

कक्षा 6 से 8 तक शिक्षा क्षेत्रीय भाषा में दी जाती है।
कक्षा 9 से 12 तक शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होता है।
विद्यालय CBSE बोर्ड से संबद्ध हैं, इसलिए परीक्षा प्रणाली, विषय और सिलेबस भी उसी के अनुसार होता है।

मुख्य विषय: हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, संगीत, कंप्यूटर और शारीरिक शिक्षा।

14. शिक्षक और स्टाफ चयन

नवोदय विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षक उच्च योग्यता वाले होते हैं।
इनकी भर्ती NVS द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से की जाती है।
इसमें PGT, TGT, Librarian, Staff Nurse, Counselor जैसे पद होते हैं।

15. हॉस्टल और अनुशासन

नवोदय विद्यालय पूरी तरह से आवासीय हैं।
यहां लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग हॉस्टल होते हैं।
छात्रों के लिए समय-निर्धारित दिनचर्या होती है — सुबह व्यायाम, नियमित कक्षाएं, शाम को खेलकूद और रात में अध्ययन समय।

अनुशासन को विशेष महत्व दिया जाता है क्योंकि यह जीवन कौशल का एक अहम हिस्सा माना जाता है।

16. राष्ट्रीय एकता और माइग्रेशन योजना

नवोदय विद्यालय की Migration Policy इसे देश का सबसे अनोखा विद्यालय बनाती है।
इस नीति के अंतर्गत कक्षा 9 के लगभग 30% छात्रों को एक राज्य के नवोदय विद्यालय से दूसरे राज्य में एक वर्ष के लिए भेजा जाता है।
इससे छात्रों को अलग-अलग भाषा, संस्कृति और जीवनशैली को समझने का मौका मिलता है।

17. नवोदय के छात्र कहाँ पहुँचते हैं

नवोदय विद्यालयों के पूर्व छात्र आज देश और विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे IIT, NIT, AIIMS, DU, JNU और IIM में पढ़ रहे हैं।
कई छात्र UPSC, SSC, NEET, JEE जैसी परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त कर चुके हैं।
इनमें से कई लोग आज प्रशासनिक अधिकारी, वैज्ञानिक, प्रोफेसर और उद्यमी के रूप में देश की सेवा कर रहे हैं।

18. भारत में नवोदय विद्यालयों का प्रभाव

नवोदय विद्यालयों ने ग्रामीण भारत में शिक्षा की दिशा और दशा दोनों बदल दी है।
जहां पहले शिक्षा का मतलब केवल पास होना होता था, वहीं अब बच्चे आत्मविश्वास से अपने सपनों को साकार करने की सोच रखते हैं।

इन विद्यालयों ने लाखों परिवारों को नई आशा दी है।
गांव के साधारण परिवार से निकलकर बच्चे आज बड़े पदों पर पहुंच रहे हैं।

19. नवोदय विद्यालय और सामाजिक समरसता

यह विद्यालय केवल पढ़ाई नहीं सिखाता, बल्कि यह बताता है कि समाज में एकता, समानता और भाईचारा कैसे बना रहता है।
यहां छात्र अलग-अलग धर्म, भाषा, संस्कृति से होते हुए भी एक परिवार की तरह रहते हैं।
यही नवोदय की असली शक्ति है — “विविधता में एकता।”

नवोदय विद्यालय योजना: ग्रामीण प्रतिभा को नई उड़ान देने वाली भारत की अनोखी शिक्षा क्रांति

भारत की शिक्षा प्रणाली में अगर किसी योजना ने गांवों के बच्चों के जीवन को वास्तव में बदला है, तो वह है नवोदय विद्यालय योजना। यह केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक ऐसी शैक्षणिक क्रांति है जिसने यह साबित किया कि प्रतिभा किसी जगह, भाषा या परिवार की पहचान पर निर्भर नहीं करती। यह योजना इस विश्वास पर आधारित है कि भारत का असली टैलेंट शहरों में नहीं, बल्कि गांवों की मिट्टी में छिपा हुआ है।

नवोदय विद्यालय योजना क्या है?

नवोदय विद्यालय योजना (Navodaya Vidyalaya Scheme) भारत सरकार की एक विशेष पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के मेधावी बच्चों को निःशुल्क, आवासीय और आधुनिक शिक्षा प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत हर जिले में एक जवाहर नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya Vidyalaya – JNV) स्थापित किया गया है, जो शिक्षा, अनुशासन, राष्ट्रीय एकता और सर्वांगीण विकास का अद्भुत संगम है।

इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें शिक्षा से लेकर रहन-सहन, भोजन, पुस्तकें और वर्दी तक सब कुछ पूरी तरह मुफ्त (Free of Cost) है।

नवोदय विद्यालय योजना की शुरुआत कैसे हुई

नवोदय विद्यालय योजना की नींव 1985 में रखी गई थी, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने यह महसूस किया कि ग्रामीण भारत के बच्चों में अपार क्षमता है, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वे शहरों के बच्चों जितनी शिक्षा नहीं पा पाते।

इसी सोच के साथ 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Policy on Education) में यह योजना शामिल की गई।
राजीव गांधी का सपना था — “हर जिले में एक ऐसा विद्यालय हो जो ग्रामीण भारत की प्रतिभा को आगे लाए।”

इसी सपने को साकार करने के लिए 1985-86 में पहला नवोदय विद्यालय अमृतसर (पंजाब) और झज्जर (हरियाणा) में स्थापित किया गया।

नवोदय विद्यालय योजना का उद्देश्य

नवोदय विद्यालय योजना के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं –

  1. ग्रामीण प्रतिभा की पहचान और संवर्धन:
    ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले मेधावी बच्चों को शहरों जैसी उच्चस्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराना।
  2. राष्ट्रीय एकता को सशक्त बनाना:
    भारत की विविधता को एकता में बदलने के लिए “Migration Policy” लागू की गई, जिसके तहत एक राज्य के छात्र दूसरे राज्य के नवोदय विद्यालय में एक वर्ष पढ़ते हैं।
  3. गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा:
    विज्ञान, गणित, भाषा, तकनीकी और सांस्कृतिक शिक्षा को संतुलित रूप से सिखाना ताकि छात्र सर्वांगीण रूप से विकसित हो सकें।

नवोदय विद्यालय योजना का संचालन कौन करता है

इस योजना का संचालन Navodaya Vidyalaya Samiti (NVS) करती है, जो कि एक स्वायत्त संस्था है और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करती है।
समिति का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसके आठ क्षेत्रीय कार्यालय हैं जो पूरे देश के विद्यालयों का संचालन करते हैं।

हर विद्यालय का प्रबंधन स्थानीय प्रशासन और एक School Management Committee की देखरेख में होता है।

भारत में कितने नवोदय विद्यालय हैं

2025 तक भारत के लगभग हर जिले में एक नवोदय विद्यालय स्थापित किया जा चुका है।
इस समय देश में कुल 649 से अधिक जवाहर नवोदय विद्यालय संचालित हैं।
इनमें से अधिकांश ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं ताकि वहां के बच्चों को शिक्षा का समान अवसर मिल सके।

नवोदय विद्यालय योजना की प्रमुख विशेषताएं

  1. पूरी तरह निःशुल्क शिक्षा:
    यहां पढ़ाई, हॉस्टल, भोजन, वर्दी, किताबें — सब कुछ निशुल्क दिया जाता है।
  2. आवासीय सुविधा:
    सभी छात्र विद्यालय परिसर में ही रहते हैं। इससे शिक्षा का वातावरण हमेशा सक्रिय रहता है।
  3. समान अवसर:
    ग्रामीण और शहरी बच्चों के बीच की दूरी को मिटाने के लिए विशेष आरक्षण नीति अपनाई गई है।
  4. राष्ट्रीय एकता:
    अलग-अलग राज्यों के छात्रों के आदान-प्रदान से भाषा, संस्कृति और विचारों का मिलन होता है।
  5. सर्वांगीण विकास:
    पढ़ाई के साथ-साथ खेल, संगीत, कला, योग, तकनीकी शिक्षा और जीवन कौशल पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है।

प्रवेश प्रक्रिया (Admission Process)

नवोदय विद्यालयों में प्रवेश के लिए Jawahar Navodaya Vidyalaya Selection Test (JNVST) आयोजित की जाती है।
यह परीक्षा हर वर्ष कक्षा 6 और कक्षा 9 में प्रवेश के लिए होती है।

(1) कक्षा 6 प्रवेश पात्रता:

  • छात्र संबंधित जिले के किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में पढ़ता हो।
  • उसने उसी जिले में कक्षा 3, 4 और 5 पूरी की हो।
  • आयु सीमा सामान्यतः 9 से 13 वर्ष के बीच होती है।

(2) कक्षा 9 प्रवेश पात्रता:

  • छात्र किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कक्षा 8 में पढ़ रहा हो।
  • परीक्षा में केवल रिक्त सीटों के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।

परीक्षा पैटर्न

कक्षा 6 के लिए:

  • समय: 2 घंटे
  • कुल प्रश्न: 80
  • विषय:
    1. मानसिक योग्यता – 40 प्रश्न
    2. गणित – 20 प्रश्न
    3. भाषा – 20 प्रश्न

कक्षा 9 के लिए:

  • समय: 3 घंटे
  • विषय: हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान

यह परीक्षा पूरी तरह वस्तुनिष्ठ (Objective Type) होती है, जिसमें किसी भी प्रकार की नकारात्मक मार्किंग नहीं होती।

सिलेबस (Syllabus)

कक्षा 6 सिलेबस:

  • Mental Ability: आकृतियाँ, समानता, दिशा, श्रृंखला, तर्कशक्ति।
  • Arithmetic: जोड़, घटाव, गुणा, भाग, प्रतिशत, औसत, अनुपात।
  • Language: गद्यांश, पर्यायवाची, विलोम, व्याकरण।

कक्षा 9 सिलेबस:

  • गणित: बीजगणित, त्रिभुज, क्षेत्रफल, मापन।
  • विज्ञान: रासायनिक, भौतिक और जैविक सिद्धांत।
  • भाषा: पढ़ने और समझने की क्षमता पर आधारित प्रश्न।

चयन प्रक्रिया

परीक्षा के बाद Navodaya Vidyalaya Samiti मेरिट लिस्ट नवोदय विद्यालय में पेपर कैसे आता है?जारी करती है।
चयनित छात्रों की सूची संबंधित नवोदय विद्यालय की वेबसाइट और नोटिस बोर्ड पर प्रकाशित की जाती है।
इसके बाद दस्तावेज़ सत्यापन और स्वास्थ्य जांच के बाद छात्रों को प्रवेश मिलता है।

पढ़ाई और बोर्ड

नवोदय विद्यालय CBSE बोर्ड से संबद्ध हैं।
कक्षा 6 से 8 तक क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा दी जाती है, जबकि कक्षा 9 से 12 तक अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होती है।

मुख्य विषय: हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला, संगीत, कंप्यूटर और खेल।

माइग्रेशन नीति (Migration Policy)

यह योजना नवोदय विद्यालय की सबसे अनोखी विशेषता है।
कक्षा 9 में 30% छात्रों को एक राज्य के नवोदय विद्यालय से दूसरे राज्य में एक साल के लिए भेजा जाता है।
इससे छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और जीवन शैलियों को समझने का मौका मिलता है।
यही कारण है कि नवोदय के छात्र हर प्रकार के वातावरण में सहज रूप से ढल जाते हैं।

नवोदय विद्यालय योजना का प्रभाव

नवोदय विद्यालयों ने ग्रामीण भारत की शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव किया है।
गांवों के बच्चे जो पहले सीमित संसाधनों के कारण पिछड़ जाते थे, अब डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, वैज्ञानिक और प्रशासनिक अधिकारी बन रहे हैं।

नवोदय विद्यालयों ने यह दिखाया है कि सही मार्गदर्शन और वातावरण मिलने पर कोई भी बच्चा असंभव को संभव बना सकता है।

नवोदय विद्यालय की उपलब्धियां

  • अब तक लाखों छात्रों ने नवोदय विद्यालयों से शिक्षा प्राप्त की है।
  • हर वर्ष 90% से अधिक विद्यार्थी CBSE बोर्ड में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होते हैं।
  • सैकड़ों छात्र IIT, NIT, AIIMS और UPSC जैसी परीक्षाओं में चयनित हुए हैं।

नवोदय विद्यालय योजना और राष्ट्रीय एकता

भारत विविधताओं का देश है — भाषाएँ, संस्कृतियाँ, परंपराएँ, खानपान, सोच — सब कुछ अलग।
नवोदय विद्यालयों ने इस विविधता को एकता में बदलने का कार्य किया है।
यहाँ रहने वाले छात्र अलग-अलग राज्यों से होते हैं, फिर भी वे एक परिवार की तरह रहते हैं।

यही नवोदय की असली पहचान है — “विविधता में एकता।”

नवोदय विद्यालय की जीवनशैली

यह विद्यालय केवल पढ़ाई का स्थान नहीं बल्कि जीवन का प्रशिक्षण केंद्र है।
यहाँ बच्चों को अनुशासन, आत्मनिर्भरता, समय प्रबंधन और टीम वर्क जैसे जीवन कौशल सिखाए जाते हैं।
सुबह की प्रार्थना, खेल, अध्ययन, समूह कार्य और रात की आत्मचिंतन सभा — हर दिन एक नई सीख देता है।

भविष्य में नवोदय विद्यालय योजना की भूमिका

नवोदय विद्यालय योजना का उद्देश्य केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के भविष्य को आकार देने की दिशा में एक ठोस कदम है।
सरकार भविष्य में डिजिटल क्लासरूम, स्मार्ट लर्निंग और तकनीकी शिक्षा को नवोदय विद्यालयों से जोड़ने पर काम कर रही है।

नवोदय की पढ़ाई से क्या होता है?

नवोदय विद्यालय केवल एक स्कूल नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी शैक्षणिक क्रांति का हिस्सा है जिसने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों के लाखों बच्चों का जीवन बदल दिया है। बहुत से अभिभावक और छात्र यह जानना चाहते हैं कि आखिर नवोदय की पढ़ाई से क्या होता है, यानी यहां पढ़ने के बाद छात्रों का भविष्य कैसा बनता है, उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं और यह पढ़ाई आम स्कूलों से अलग कैसे होती है। इस लेख में हम इन्हीं सभी सवालों का विस्तार से जवाब जानेंगे — ताकि आपको यह पूरी समझ आ जाए कि नवोदय में पढ़ाई करने का असली फायदा क्या है।

1. नवोदय विद्यालय में पढ़ाई का उद्देश्य

नवोदय विद्यालयों की स्थापना 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें उत्कृष्ट शिक्षा देना है ताकि वे देश के किसी भी हिस्से में जाकर अपने कौशल और ज्ञान के बल पर आगे बढ़ सकें।
यह विद्यालय ग्रामीण बच्चों को ऐसी शिक्षा देता है जो शहरों के बड़े स्कूलों के बराबर होती है, लेकिन बिना किसी शुल्क के। यहां शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन, आत्मनिर्भरता, नेतृत्व और संस्कारों पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

2. नवोदय की पढ़ाई में क्या खास है

नवोदय विद्यालयों में CBSE पाठ्यक्रम लागू होता है, लेकिन यहां पढ़ाने का तरीका थोड़ा अलग है। शिक्षक केवल किताबों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि वे बच्चों में सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करते हैं।
हर विषय को प्रैक्टिकल और वास्तविक जीवन से जोड़ा जाता है। जैसे विज्ञान में प्रयोगशाला आधारित सीखने पर जोर होता है, जबकि सामाजिक अध्ययन में बच्चों को स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर जागरूक किया जाता है।

यहां छात्र-छात्राओं को भाषा, गणित, विज्ञान, कला, संगीत, खेलकूद और नेतृत्व – सभी क्षेत्रों में बराबर अवसर मिलते हैं। यही वजह है कि नवोदय के छात्र हर दिशा में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

3. नवोदय की शिक्षा से मिलने वाले फायदे

(1) मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा:
नवोदय विद्यालयों में पढ़ाई, रहना, खाना, किताबें, यूनिफॉर्म – सब कुछ सरकार की तरफ से मुफ्त होता है। इससे ग्रामीण परिवारों का आर्थिक बोझ कम होता है और प्रतिभाशाली छात्र बिना रुकावट आगे बढ़ पाते हैं।

(2) प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी:
नवोदय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे आगे चलकर UPSC, NEET, JEE, NDA, SSC, Banking जैसे बड़े एग्ज़ाम्स में शानदार प्रदर्शन करते हैं।
यहां बचपन से ही बच्चों में आत्मविश्वास और प्रतियोगी सोच विकसित की जाती है।

(3) बेहतर वातावरण और अनुशासन:
चूंकि यह एक रेजिडेंशियल स्कूल है, इसलिए बच्चे पूरे समय शिक्षकों की देखरेख में रहते हैं।
यहां सुबह से रात तक एक निश्चित दिनचर्या होती है जिसमें अध्ययन, खेल, ध्यान, योग, और सृजनात्मक गतिविधियां शामिल होती हैं।
इससे छात्रों में अनुशासन, आत्म-प्रबंधन और टीमवर्क की भावना विकसित होती है।

(4) राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक समझ:
नवोदय विद्यालयों की एक खास बात यह है कि यहां “Migration Policy” लागू होती है।
इसके तहत एक राज्य के बच्चे कुछ समय के लिए दूसरे राज्य के नवोदय में पढ़ने जाते हैं। इससे देश की विविधता को समझने का अवसर मिलता है और छात्रों में राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ती है।

4. नवोदय से निकले छात्रों का भविष्य

नवोदय विद्यालयों के पूर्व छात्र आज देश-विदेश में बड़े पदों पर कार्यरत हैं —
कई IAS, IPS, डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, वैज्ञानिक और उद्यमी नवोदय के ही छात्र रहे हैं।
कई छात्र सेना, खेल, संगीत और सिविल सर्विस जैसे क्षेत्रों में भी देश का नाम रोशन कर चुके हैं।

इसका कारण यह है कि यहां से निकलने वाले बच्चे न केवल शैक्षणिक रूप से मजबूत होते हैं बल्कि उनमें नेतृत्व, आत्मविश्वास और जीवन कौशल भी गहराई से विकसित हो जाते हैं।

5. नवोदय की पढ़ाई के बाद आगे क्या?

नवोदय विद्यालय से 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद छात्रों के पास कई रास्ते खुल जाते हैं:

  1. उच्च शिक्षा: वे इंजीनियरिंग, मेडिकल, आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस किसी भी क्षेत्र में आगे पढ़ सकते हैं।
  2. सरकारी नौकरियां: अधिकतर छात्र SSC, UPSC, Police, Defence जैसे सरकारी एग्जाम्स में जाते हैं।
  3. NDA और सेना में करियर: कई नवोदय छात्र NDA (National Defence Academy) में चयनित होकर देश की रक्षा सेवा में जाते हैं।
  4. Scholarships और Foreign Studies: नवोदय के छात्र कई बार विदेशों की यूनिवर्सिटीज़ में भी छात्रवृत्ति के साथ पढ़ाई करने जाते हैं।
  5. Startups और Leadership Roles: नवोदय की शिक्षा उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है, जिससे वे अपने विचारों को व्यवसाय में बदलने की क्षमता रखते हैं।

6. नवोदय की शिक्षा क्यों सबसे अलग है

नवोदय विद्यालयों में शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहती।
यहां जीवन जीने की कला, समाज में योगदान और जिम्मेदारी निभाने की भावना सिखाई जाती है।
हर बच्चा यहां एक परिवार की तरह रहता है — शिक्षक, वार्डन, और साथी मिलकर एक “Navodaya Family” बनाते हैं।
यही वातावरण बच्चों में आत्मविश्वास और नेतृत्व की भावना जगाता है।

7. नवोदय के छात्रों की विशेषताएं

  1. अनुशासित जीवनशैली – तय समय पर उठना, पढ़ाई, खेल, और सोना।
  2. मल्टीटैलेंटेड व्यक्तित्व – पढ़ाई के साथ खेल, संगीत, नाटक, कला सबमें भागीदारी।
  3. देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी – हर बच्चा समाज के प्रति संवेदनशील बनता है।
  4. आत्मनिर्भरता और टीमवर्क – हर कार्य स्वयं करने की आदत और दूसरों के साथ तालमेल बनाना।

8. नवोदय की पढ़ाई से समाज को क्या लाभ होता है

नवोदय विद्यालय केवल व्यक्तिगत सफलता तक सीमित नहीं है।
इनके माध्यम से ग्रामीण भारत में शिक्षा का स्तर बढ़ा है, और हजारों बच्चों को एक बेहतर जीवन का अवसर मिला है।
नवोदय के छात्र अपने गांवों में जाकर दूसरों को भी शिक्षित करते हैं, जिससे शिक्षा का चक्र आगे बढ़ता है

9.नवोदय की पढ़ाई का असली अर्थ

नवोदय की पढ़ाई का मतलब सिर्फ परीक्षा पास करना नहीं है, बल्कि एक बेहतर इंसान बनना है।
यहां का हर बच्चा जीवन के हर क्षेत्र में आत्मविश्वास से भरा होता है।
नवोदय विद्यालयों ने यह साबित किया है कि अगर सही अवसर और माहौल मिले, तो ग्रामीण भारत का कोई भी बच्चा देश का भविष्य बदल सकता है।

इसलिए अगर कोई पूछे – “नवोदय की पढ़ाई से क्या होता है?”
तो जवाब होगा –
“नवोदय की पढ़ाई से सपना सच होता है, आत्मविश्वास मिलता है, और एक नए भारत की नींव बनती है।”

बहुत अच्छा प्रश्नों का संग्रह है — ये सभी नवोदय विद्यालय (Jawahar Navodaya Vidyalaya – JNV) से जुड़े बेहद महत्वपूर्ण और अक्सर पूछे जाने वाले सवाल हैं।
नीचे मैं हर प्रश्न का स्पष्ट, सटीक और विशेषज्ञ स्तर का उत्तर दे रहा हूँ — जो छात्रों, अभिभावकों और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी बेहद उपयोगी है।
उत्तर एकदम मौलिक, अद्यतन और मानव-जैसे प्राकृतिक शैली में दिए गए हैं 👇

1. नवोदय में कौन एडमिशन ले सकता है?

नवोदय विद्यालय में वही विद्यार्थी एडमिशन ले सकते हैं जो भारत के किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में पढ़ रहे हों और उस जिले के निवासी हों जहाँ JNV स्थित है।
कक्षा 6 के लिए एडमिशन उन्हीं बच्चों को मिलता है जिनकी उम्र 1 मई 2013 से 31 जुलाई 2015 के बीच है (2025 परीक्षा के अनुसार)।
इसके अलावा बच्चे को कक्षा 5 किसी सरकारी या मान्यता प्राप्त विद्यालय में पढ़ना जरूरी होता है।

2. नवोदय किसे कहते हैं?

‘नवोदय’ का अर्थ है – नई सुबह या नया उदय।
यह भारत सरकार की एक विशेष शैक्षणिक योजना है जिसके तहत गांव के होनहार छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती है ताकि वे शहरों के बच्चों के समान अवसर पा सकें।

3. नवोदय योजना क्या है?

नवोदय विद्यालय योजना (Navodaya Vidyalaya Scheme) 1986 में शुरू की गई थी।
इसका उद्देश्य ग्रामीण प्रतिभाशाली बच्चों को आवासीय, निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है ताकि सामाजिक समानता बनी रहे।
यह योजना मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) के अंतर्गत चलती है।

4. नवोदय में कितनी फीस है?

नवोदय विद्यालय पूरी तरह निशुल्क (Free) है।
यहाँ रहना, खाना, पढ़ाई, किताबें, यूनिफॉर्म सब कुछ मुफ्त मिलता है।
सिर्फ 9वीं से 12वीं कक्षा तक कुछ नाममात्र की राशि ₹600 प्रतिमाह (विद्यार्थी कोष हेतु) ली जाती है, वह भी गरीब परिवारों, SC/ST और लड़कियों से नहीं ली जाती।

5. नवोदय के नुकसान क्या हैं?

हर व्यवस्था के कुछ सीमित नुकसान भी होते हैं:

  • घर से दूर रहना (Hostel life सभी के लिए आसान नहीं)
  • सीमित मोबाइल या इंटरनेट की सुविधा
  • अनुशासन बहुत सख्त होता है
  • प्रतियोगी माहौल में कभी-कभी तनाव भी हो सकता है
    हालाँकि ये नुकसान चरित्र निर्माण और आत्मनिर्भरता के लिए फायदेमंद साबित होते हैं।

6. नवोदय में बच्चे कैसे रहते हैं?

नवोदय एक पूर्ण आवासीय विद्यालय है।
यहाँ छात्र-छात्राएँ अलग-अलग Hostel (Dormitory) में रहते हैं।
भोजन, स्वास्थ्य, खेल, पढ़ाई सब कुछ स्कूल प्रबंधन के तहत होता है।
अनुशासन, समयबद्ध दिनचर्या और गुरुकुल जैसी व्यवस्था यहाँ की विशेषता है।

7. क्या नवोदय स्कूल सरकारी है या प्राइवेट?

नवोदय विद्यालय सरकारी (Government Residential School) है।
इसे Navodaya Vidyalaya Samiti (NVS) चलाती है जो भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आती है।

8. नवोदय में कितने नंबर से पास होते हैं?

नवोदय परीक्षा में कोई तय कटऑफ नहीं होती।
हर साल सीटों के अनुसार मेरिट बनती है।
सामान्यतः 80 में से 70+ अंक बहुत अच्छा माना जाता है।
OBC, SC, ST वर्ग के लिए थोड़ी छूट होती है।

9. एक जिले में कितने नवोदय विद्यालय होते हैं?

सामान्य रूप से हर जिले में एक ही नवोदय विद्यालय होता है।
लेकिन कुछ बड़े जिलों में दो JNV भी हो सकते हैं।

10. नवोदय विद्यालय में कौन-कौन सी क्लास होती है?

नवोदय विद्यालय में कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई होती है।
कक्षा 6 में मुख्य प्रवेश होता है, जबकि कक्षा 9 और 11 में Lateral Entry से सीमित सीटों पर एडमिशन मिलता है।

11. क्या नवोदय विद्यालय हिंदी मीडियम है?

नवोदय विद्यालय द्विभाषिक माध्यम (Bilingual Medium) है।
कक्षा 6 से 8 तक स्थानीय भाषा + हिंदी में पढ़ाई होती है,
जबकि कक्षा 9 से 12 तक English Medium (CBSE pattern) में शिक्षा दी जाती है।

12. नवोदय विद्यालय में पढ़ने के क्या फायदे हैं?

  • मुफ्त आवास, भोजन और शिक्षा
  • ग्रामीण छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा
  • CBSE बोर्ड का कोर्स
  • खेल, संगीत, विज्ञान, कला में समान अवसर
  • अनुशासन और आत्मनिर्भरता का विकास
  • JEE/NEET जैसी परीक्षाओं की अच्छी तैयारी का माहौल

13. नवोदय स्कूल का सिलेबस क्या है?

नवोदय विद्यालय में CBSE बोर्ड का सिलेबस लागू होता है।
इसमें गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी, कम्प्यूटर, कला, और खेल सभी विषय शामिल हैं।

14. नवोदय स्कूल में कौन सा बोर्ड होता है?

Central Board of Secondary Education (CBSE) बोर्ड होता है।

15. नवोदय का क्या अर्थ है?

“नवोदय” का अर्थ है — नया उदय या नई शुरुआत।
यह नाम इस विचार को दर्शाता है कि शिक्षा के माध्यम से ग्रामीण भारत में एक नया सूर्योदय हो।

16. भारत में कुल कितने नवोदय स्कूल हैं?

वर्तमान में जवाहर नवोदय विद्यालयों की संख्या 661 से अधिक है जो लगभग सभी जिलों में फैले हैं (2025 तक के आंकड़ों के अनुसार)।

17. नवोदय में पास होने पर क्या होता है?

जो विद्यार्थी नवोदय परीक्षा पास करते हैं उन्हें आवासीय विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा का अवसर मिलता है।
वे पूरे देश के श्रेष्ठ विद्यार्थियों में शामिल हो जाते हैं, जिससे आगे JEE, NEET, NDA, UPSC जैसी परीक्षाओं में बढ़त मिलती है।

18. नवोदय विद्यालय में बच्चे कैसे रहते हैं?

बच्चे पूरी तरह Hostel discipline में रहते हैं।
सुबह प्रार्थना, योग, खेल, कक्षाएँ, आत्म-अध्ययन, और रात को अध्ययन का समय तय होता है।
हर छात्र की देखरेख के लिए House Master और Wardens होते हैं।

19. नवोदय के लिए कितनी उम्र चाहिए?

कक्षा 6 के लिए उम्र सीमा –
1 मई 2013 से 31 जुलाई 2015 के बीच जन्मे बच्चे पात्र हैं (2025 परीक्षा के अनुसार)।
कक्षा 9 व 11 के लिए उम्र सीमा थोड़ी अलग होती है (13–16 वर्ष के बीच)।

20. नवोदय विद्यालय की किताब कितने रुपए में आती है?

नवोदय विद्यालय में किताबें मुफ्त दी जाती हैं।
अगर कोई निजी रूप से खरीदना चाहे तो NCERT किताबें 60 से 150 रुपए तक की होती हैं।

21. क्या नवोदय स्कूल फ्री हैं?

हाँ, नवोदय विद्यालय पूरी तरह फ्री हैं।
रहना, पढ़ाई, खाना, किताबें — सब कुछ भारत सरकार द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।

22. नवोदय विद्यालय की सैलरी कितनी होती है?

नवोदय के शिक्षकों की सैलरी पद के अनुसार:

  • TGT: ₹45,000 – ₹1,42,400 प्रति माह
  • PGT: ₹47,600 – ₹1,51,100 प्रति माह
  • Principal: ₹78,800 – ₹2,09,200 प्रति माह
    साथ ही आवास और अन्य भत्ते भी मिलते हैं।

23. नवोदय विद्यालय में कौन सी भाषा में पढ़ाई की जाती है?

प्रारंभिक कक्षाओं में क्षेत्रीय भाषा व हिंदी,
और उच्च कक्षाओं में अंग्रेजी माध्यम (CBSE Pattern) से शिक्षा दी जाती है।

24. नवोदय परीक्षा 2025 कब होगी?

कक्षा 6 की परीक्षा आमतौर पर जनवरी 2025 के पहले सप्ताह में होगी।
कक्षा 9 की Lateral Entry परीक्षा फरवरी 2025 में संभावित है।

25. क्या नवोदय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम है या हिंदी माध्यम?

यह द्विभाषिक विद्यालय है —
कक्षा 6–8 में स्थानीय + हिंदी माध्यम,
कक्षा 9–12 में अंग्रेजी माध्यम

26. नवोदय का हिंदी में क्या अर्थ होता है?

“नवोदय” का अर्थ होता है — नया उदय, नई शुरुआत या नई सुबह।

27. नवोदय विद्यालय में प्रवेश कैसे होता है?

प्रवेश के लिए JNVST (Jawahar Navodaya Vidyalaya Selection Test) नामक परीक्षा देनी होती है।
कक्षा 6 के लिए यह मुख्य प्रवेश परीक्षा होती है।
योग्य छात्र मेरिट सूची के आधार पर चुने जाते हैं।

28. नवोदय विद्यालय का दूसरा नाम क्या है?

इसका पूरा नाम है Jawahar Navodaya Vidyalaya (JNV)
संक्षेप में लोग इसे “Navodaya” या “JNV School” भी कहते हैं।

29. नवोदय विद्यालय में कितनी फीस पड़ती है?

कक्षा 9 से 12 के लिए केवल ₹600 प्रतिमाह छात्र कोष शुल्क।
SC/ST, सभी बालिकाएँ और BPL छात्रों के लिए कोई फीस नहीं।

30. नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए क्या नियम हैं?

  • छात्र संबंधित जिले का निवासी होना चाहिए
  • सरकारी या मान्यता प्राप्त विद्यालय में 5वीं कक्षा में अध्ययनरत होना चाहिए
  • उम्र निर्धारित सीमा में होनी चाहिए
  • JNVST परीक्षा पास करनी होगी

31. नवोदय विद्यालय में कक्षा 11 में कितनी सीटें हैं?

कक्षा 11 में Lateral Entry के माध्यम से सीमित सीटें (लगभग 10–20 प्रति विद्यालय) मिलती हैं, जो 10वीं बोर्ड परिणाम और मेरिट पर आधारित होती हैं।

32. नवोदय में कितने नंबर से पास होते हैं OBC 2025?

2025 के लिए अनुमानित कटऑफ:

  • General: 72–78 अंक
  • OBC: 68–74 अंक
  • SC/ST: 60–70 अंक
    (हर राज्य और जिले के अनुसार थोड़ी भिन्नता हो सकती है।)

33. नवोदय विद्यालय में पढ़ने के क्या फायदे और नुकसान हैं?

फायदे:

  • निःशुल्क आवासीय शिक्षा
  • अनुशासन, खेल, प्रतियोगी माहौल
  • ग्रामीण प्रतिभाओं को राष्ट्रीय पहचान

नुकसान:

  • घर से दूर रहना
  • सख्त नियम
  • सीमित मोबाइल/सोशल मीडिया उपयोग

34. नवोदय की पढ़ाई से क्या होता है?

नवोदय की शिक्षा से बच्चा संतुलित व्यक्तित्व, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय स्तर की सोच विकसित करता है।
यह शिक्षा भविष्य में JEE, NEET, UPSC जैसी परीक्षाओं में मजबूत नींव रखती है।

35. नवोदय विद्यालय में पेपर कैसे आता है?

कक्षा 6 की परीक्षा में Mental Ability, Arithmetic, और Language Test शामिल होते हैं।
पेपर 80 प्रश्नों का होता है, और कुल अंक 100 होते हैं।

36. नवोदय में कुल कितने सब्जेक्ट होते हैं?

मुख्य विषय –
हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कम्प्यूटर, कला और खेलकूद।
कुल मिलाकर लगभग 8–9 विषय पढ़ाए जाते हैं।

37. नवोदय की बुक कितने की है?

सभी किताबें NCERT द्वारा प्रकाशित होती हैं।
एक सेट की कीमत लगभग ₹500–₹700 तक होती है,
लेकिन नवोदय में यह मुफ्त दी जाती हैं।

38. नवोदय में कितनी उम्र होनी चाहिए?

कक्षा 6 के लिए लगभग 9½ से 13 वर्ष की उम्र होनी चाहिए (1 मई 2013 – 31 जुलाई 2015 के बीच जन्म आवश्यक)।

39. 2025 में नवोदय परीक्षा कब है?

कक्षा 6 की परीक्षा — जनवरी 2025 (पहला शनिवार)
कक्षा 9 की परीक्षा — फरवरी 2025

40. 12 साल का बच्चा कौन सी क्लास में होना चाहिए?

सामान्य रूप से 12 वर्ष की उम्र में बच्चा कक्षा 6 या 7 में होता है।

41. जवाहर नवोदय विद्यालय की फीस कितनी है?

नवोदय में फीस नगण्य या लगभग शून्य है।
सिर्फ कुछ वर्गों के लिए ₹600 प्रतिमाह का छात्र कोष लिया जाता है।

42. नवोदय में एडमिशन कैसे होता है?

JNVST परीक्षा पास करने के बाद,
दस्तावेज़ सत्यापन और मेडिकल जांच के बाद मेरिट के अनुसार प्रवेश मिलता है।

43. नवोदय का फॉर्म कब भरा जाता है?

हर साल अगस्त से नवंबर के बीच ऑनलाइन आवेदन लिए जाते हैं।
फॉर्म navodaya.gov.in पर भर सकते हैं।

44. कक्षा 6 के पेपर कब से हैं?

कक्षा 6 की परीक्षा जनवरी 2025 में है,
इसलिए तैयारी अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 तक पूरी करनी चाहिए।

45. नवोदय का रिजल्ट कब आएगा?

JNVST कक्षा 6 का परिणाम आमतौर पर मई या जून 2025 में घोषित किया जाएगा।

46. नवोदय कक्षा 9 के लिए उत्तीर्ण अंक क्या है?

कक्षा 9 के लिए सामान्यतः 120 में से 75–85 अंक सुरक्षित माने जाते हैं।
OBC/SC/ST वर्ग के लिए कुछ छूट होती है।

47. नवोदय में कितने बच्चे पास हुए हैं?

हर साल लगभग 20 लाख छात्र परीक्षा देते हैं,
जिनमें से लगभग 50–60 हजार छात्र चयनित होते हैं।

48. नवोदय शिक्षक के लिए योग्यता क्या है?

TGT के लिए: ग्रेजुएशन + B.Ed.
PGT के लिए: पोस्ट ग्रेजुएशन + B.Ed.
साथ ही CTET या NVS परीक्षा पास करनी होती है।

49. कक्षा 9 में कितने प्रतिशत चाहिए?

कक्षा 9 में प्रवेश के लिए कम से कम 7वीं–8वीं में 60% या अधिक अंक आवश्यक होते हैं।

50. कक्षा 9 में फेल होने पर क्या होता है?

यदि कोई छात्र फेल हो जाता है तो उसे एक मौका Re-Exam का दिया जाता है।
फिर भी पास न होने पर उसे Hostel और विद्यालय छोड़ना पड़ सकता है।

 

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